IITF 2025 में छत्तीसगढ़ दिखाएगा अपना औद्योगिक दमखम
छत्तीसगढ़ इस वर्ष भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित इंडिया इंटरनेशनल ट्रेड फेयर (IITF 2025) में अपने औद्योगिक विकास, निवेश अवसरों और सांस्कृतिक समृद्धि का भव्य प्रदर्शन करने जा रहा है। 14 नवंबर से शुरू हो रहे इस अंतरराष्ट्रीय मेले में राज्य ने एक विशेष थीम-आधारित पवेलियन तैयार किया है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ की आर्थिक प्रगति और उद्योग-हितैषी वातावरण को देश-दुनिया के सामने प्रस्तुत करना है।
औद्योगिक विकास और नई नीतियों का प्रदर्शन
पवेलियन में छत्तीसगढ़ अपनी नई औद्योगिक नीति, निवेश प्रोत्साहन योजनाओं और MSME सेक्टर की उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। राज्य सरकार इस मंच को संभावित निवेशकों से जुड़ने और उद्योगों को राज्य में स्थापित करने के लिए एक बड़े अवसर के रूप में देख रही है। खास तौर पर स्टील, फूड प्रोसेसिंग, माइनिंग, हैंडलूम, हर्बल और एग्री-बिजनेस जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता से प्रदर्शित किया जाएगा।
मिलेट्स, वनोपज और हस्तशिल्प होंगे आकर्षण का केंद्र
राज्य के पवेलियन का मुख्य आकर्षण “मिलेट कॉर्नर” होगा, जहाँ कोदो-कुटकी, रागी और संवा जैसे लघु धान्यों से बने उत्पाद प्रदर्शित होंगे। इसके साथ ही वनोपज आधारित उत्पाद, छत्तीसगढ़ी हस्तशिल्प, धातु कला, बांस शिल्प और खादी-ग्रामोद्योग के उत्पाद भी आगंतुकों को विशेष रूप से आकर्षित करेंगे।

छत्तीसगढ़ दिवस और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ
निवेशकों के लिए बड़ा मंच
मेले के दौरान 24 नवंबर को “छत्तीसगढ़ दिवस” मनाया जाएगा, जहाँ राज्य की लोक-संस्कृति, संगीत और नृत्य प्रस्तुतियाँ दर्शकों को प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत से परिचित कराएंगी। इस दिन राज्य के वरिष्ठ अधिकारी और प्रतिनिधि भी उपस्थिति रहेंगे।
IITF 2025 में छत्तीसगढ़ का पवेलियन न केवल उत्पादों और नीतियों का प्रदर्शन करेगा, बल्कि “इन्वेस्टर कनेक्ट” बैठकों के माध्यम से नए उद्योगों को राज्य में आकर्षित करने का प्रयास भी करेगा।
कुल मिलाकर, छत्तीसगढ़ का यह प्रयास राज्य की औद्योगिक, कृषि और सांस्कृतिक क्षमता को राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मजबूत पहचान दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।